स्थाई आदेश (Standing order) क्या है ?
हरियाणा के सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जो पूर्ववर्ती 12 महीनों में 50 या उससे अधिक काम करने वालों को नियुक्त करता है। यह कानून काम करने वालों के लिए औपचारिक रूप से काम करने की स्थिति को परिभाषित करने का लक्ष्य रखता है, जिससे एक नियोक्ता द्वारा संभावित मनमानी कार्रवाई से काम करने वालों को सुरक्षा मिलती है।
हरियाणा में 50 या अधिक कर्मचारियों वाले सभी प्रतिष्ठान इसके अंतर्गत आते हैं। 25 दिसंबर, 2018 से प्रभावी IESO अधिनियम। स्थायी आदेशों के प्रमाणन को लंबित करते हुए, IESO अधिनियम कहता है कि IESO अधिनियम नियमों के तहत निर्धारित मॉडल स्थायी आदेश संबंधित प्रतिष्ठान पर लागू होगा। यह फिर से ज्यादातर कंपनियों के लिए कानूनी निहितार्थ है|
यदि कोई नियोक्ता प्रमाणीकरण के लिए मसौदा स्थायी आदेश प्रस्तुत नहीं करता है, तो 5000/- रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई नियोक्ता अंतिम प्रमाणित स्थायी आदेशों के उल्लंघन में कोई कार्य करता है, तो 100/- रु तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और अपराध की निरंतरता के मामले में, 25/- रु तक अधिक जुर्माना प्रति दिन लगाया जा सकता है। एक बार स्थायी आदेशों को नियामक अधिकारियों द्वारा प्रमाणित किया जाता है, एक नियोक्ता उसी से बाध्य होता है, जिसमें किसी भी संशोधन को कानून द्वारा विनियमित किया जाता है। यह कभी-कभी काम करने के लिए एक नियोक्ता के लचीलेपन पर अंकुश लगाता है।
हरियाणा सरकार द्वारा ऐसी कोई आधिकारिक छूट देने से हरियाणा में सभी क्षेत्रों की कंपनियों को IESO अधिनियम का अनुपालन करने की आवश्यकता होगी और उनके प्रमाणित स्थायी आदेश होंगे।
अगर हम साफ़ शब्दों में कहे तो स्टैंडिंग आर्डर एक रुल को फॉलो करना या रूल को मानना है। जिससे की प्रतिष्ठानो या संस्थाओ की कार्यंरैयो के ऊपर मनमानी करने से रहत मिलेगी ( मनमानी नहीं कर पाऐगे।
स्टैंडिंग आर्डर में प्रतिष्ठानो ने लिखित में अपने सभी रूल (ACT) के हिसाब से देने होंगे , जैसे की करमचाइयो की डटी का समय , कर्मचारियों का वेतन रूपए , कर्मचारियों की वेतन देने की तिथि , और भी सभी रूल जैसे EL, CL, SL, GRATUITY, BONUS इत्यादि सभी शामिल होंगे।